Gaya

Aug 16 2023, 15:27

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर बैन हो जाएगा बजरंग दल? दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान

#congress_leader_digvijay_singh_said_will_not_ban_bajrang_dal_in_came_in_power 

हिन्दुस्व और हिन्दू राष्ट्र का मामला मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छाया हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर बैन नहीं लगाया जाएगा। उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी।जिसके बाद देशभर में बीजेपी के नेताओं और बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

दिग्विजय सिंह आज राजधानी में माता मंदिर चौराहे पर अवंती बाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह से मीडिया ने हिंदुत्व को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था। किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है। इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है या हिंदू राष्ट्र की शपथ ली है। संविधान की शपथ लेकर जो लोग हिन्दुत्व की बात करते हैं, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी नेता कमलनाथ के बयान का किया बचाव

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान का भी बचाव किया और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। कमलनाथ ने कहा था कि देश में 80 फीसदी हिन्दू हैं, ऐसे में तो ये हिन्दू राष्ट्र है ही। इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या हिन्दुओं की संख्या गिनाना गलत बात है। दिग्विजय ने ये भी कहा कि कुछ लोग मेरे और कमलनाथ जी के बीच में विवाद कराना चाहते हैं, लेकिन हम चार दशक से साथ काम कर रहे हैं और कभी कोई विरोधी सफल नहीं हो पाया है. हम मिलकर काम कर रहे हैं।

Gaya

Aug 16 2023, 15:17

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर बैन हो जाएगा बजरंग दल? दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान

#congress_leader_digvijay_singh_said_will_not_ban_bajrang_dal_in_came_in_power 

हिन्दुस्व और हिन्दू राष्ट्र का मामला मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छाया हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर बैन नहीं लगाया जाएगा। उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी।जिसके बाद देशभर में बीजेपी के नेताओं और बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

दिग्विजय सिंह आज राजधानी में माता मंदिर चौराहे पर अवंती बाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह से मीडिया ने हिंदुत्व को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था। किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है। इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है या हिंदू राष्ट्र की शपथ ली है। संविधान की शपथ लेकर जो लोग हिन्दुत्व की बात करते हैं, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी नेता कमलनाथ के बयान का किया बचाव

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान का भी बचाव किया और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। कमलनाथ ने कहा था कि देश में 80 फीसदी हिन्दू हैं, ऐसे में तो ये हिन्दू राष्ट्र है ही। इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या हिन्दुओं की संख्या गिनाना गलत बात है। दिग्विजय ने ये भी कहा कि कुछ लोग मेरे और कमलनाथ जी के बीच में विवाद कराना चाहते हैं, लेकिन हम चार दशक से साथ काम कर रहे हैं और कभी कोई विरोधी सफल नहीं हो पाया है. हम मिलकर काम कर रहे हैं।

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Aug 16 2023, 14:50

शरद पवार को भतीजे अजीत पवार के जरिए मिला मोदी मंत्रिमंडल का ऑफर? संजय राउत ने जूनियर पवार को लेकर कह दी ये बात

#ajit_pawar_offer_sharad_pawar_post_in_modi_cabinet 

महाराष्ट्र की सियासत हमेशा उफान पर होती है। आए दिन सियासी गलियारों की हलटल तेज हो जाती है। इन दिनों पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच हुई ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं।अब इस मुलाकात को लेकर खबरे ये आ रही हैं कि अजित पवार ने शरद पवार को मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए न्योता दिया था।

कहा जा रहा है कि शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है। अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है। एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है। इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है।

अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं कि...-राउत

वहीं, इस मामले पर उद्धव गुट के शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जूनियर पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं है जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शरद पवार गुट के नेताओं को जगह दे दें। सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में कहा, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी जयादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है।

अजीत और शरद पवार ने दी सफाई

इससे पहले शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। एमवीए एकजुट है। मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक का सफल आयोजन किया जाएगा। शरद पवार दोनों ने कहा कि अपने रिश्तेदारों से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने पूछा, 'अजीत पवार मेरे भतीजे हैं। चाचा और भतीजे की मुलाकात को लेकर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?

वहीं अत पवार ने बी कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।

पुणे में हुई चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग

बता दें कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार (12 अगस्त) को पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर मुलाकात की। चाचा-भतीजे अलग-अलग वजहों से पुणे में थे, इसी दौरान दोनों की यह सीक्रेट मीटिंग हुई। चांदनी चौक ब्रिज उद्घाटन के सिलसिले में अजित पवार पुणे में थे और शरद पवार भी शहर में मौजूद थे। अतुल चोरडिया के घर पर मुलाकात के बाद सबसे पहले शरद पवार बंगले से बाहर निकले और थोड़ी देर बाद भतीजे अजित पवार का काफिला बंगले से निकला।

गौरतलब हो कि हाल ही में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर पार्टी के 40 विधायकों के साथ बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। जिस पर बीते दिन से ही खूब राजनीति हो रही है। अजित गुट और शरद गुट दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों वरिष्ठ नेता एनसीपी को लेकर लामबंद हैं। सीनियर पवार गुट के विधायाकों और सांसदों का कहना है कि, शरद पवार जहां हैं वहीं पार्टी है जबकि अजित पवार गुट के नेताओं का कहना है कि, जिस पक्ष में ज्यादा विधायक वहीं पार्टी का असली हकदार है। चाचा-भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है।

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Aug 16 2023, 14:26

राहुल गांधी से अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने निजी मुलाकात की जताई इच्छा, कांग्रेस नेता ने की पुष्टि, पढ़िए, कहां फंसा है पेच

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी

भारत की आजादी के पर्व स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में मंगलवार को आधिकारिक रूप से शामिल हुए। अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से निजी मुलाकात की इच्छा जताई है। इसकी पुष्टि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी ने की है।

कांग्रेस के वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भारत दौरे के दौरान निजी तौर पर राहुल गांधी से मुलाकात की इच्छा जताई थी। इसके लिए पार्टी को उनकी तरफ से औपचारिक और आधिकारिक आग्रह मिला था।

चक्रवर्ती ने बताया कि अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने दो दिन पहले हमसे संपर्क किया। उन्होंने राहुल गांधी से निजी तौर पर मुलाकात की इच्छा जताई थी। हमने सकारात्मक जवाब दिया कि एक बार राहुल गांधी के वायनाड से लौटने पर इसे शेड्यूल करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, हमने अमेरिकी सांसदों से राहुल गांधी से निजी मुलाकात के लिए आधिकारिक तौर पर अनुरोध करने को कहा था।

प्राइवेट मीटिंग पर फंसा है पेंच

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय इस तरह की निजी बैठक के लिए अनुमति देगा। इस पर चक्रवर्ती ने कहा कि यह विदेश मंत्रालय और अमेरिकी डेलीगेशन के बीच की बात है। हालांकि, मुझे यकीन है कि विदेश मंत्रालय को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। आखिरकार किसी देश के दौरे पर आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के प्रमुख नेता से बैठक की मांग की है।

इससे पहले जब यह पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं से मिलना चाहते हैं तो इस पर अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा था कि कुछ सांसदों ने उनसे (राहुल गांधी) मिलने की इच्छा जताई थी। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय को इस पर फैसला लेना होगा।

पीएम मोदी के गेस्ट हैं ये सांसद

रो खन्ना ने इससे पहले इंडिया टुडे को बताया था कि अमेरिकी सांसदों का यह प्रतिनिधिमंडल पीएम नरेंद्र मोदी का मेहमान है। उन्होंने कहा था कि मैं और पूरी डेलीगेशन पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय का मेहमान है। इसकी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी उनकी है। मैं जानता हूं कि लोगों ने प्रतिनिधिमंडल से मिलने चाहते हैं और हमने इन आग्रहों को विदेश मंत्रालय तक बढ़ा दिया है।

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से झंडा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया।

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Aug 16 2023, 14:25

आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक्टिव हुई भाजपा, आज अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी


आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) आज शाम (16 अगस्त) को बैठक करेगी। समिति के सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, CEC के सदस्यों से वर्तमान चुनाव तैयारियों का जायजा लेने, फीडबैक इकट्ठा करने और उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी की रणनीति को आकार देने की उम्मीद है।

समिति के अन्य सदस्यों में भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह सहित अन्य नेता शामिल हैं। CEC की बैठक आमतौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होती है। हालाँकि, इतनी जल्दी बैठक आयोजित करने का पार्टी का निर्णय पांच राज्यों के चुनावों को दिए गए महत्व को उजागर करता है, जो कि सभी महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर है।

सूत्र ने कहा कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक राज्य चुनाव अभियान की निगरानी में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी का भी संकेत देती है। जिन राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की उम्मीद है वे हैं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम। भाजपा केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार तथा तेलंगाना में BRS सरकार को हटाने के लिए गहन अभियान चला रही है।

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Aug 16 2023, 14:01

तेलुगु देशम पार्टी के एक बार फिर एनडीए में शामिल होने की चर्चा तेज, जानें पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा?

#chandrababunaiduonrejoiningnda_alliance

आंध्र प्रदेश की तेलुगु देसम पार्टी के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) में फिर शामिल होने की चर्चा ने एक बार फिर जोर पकड़ा है। राजनीति गलियारों में जोरो-शोरों से चर्चा बनी हुई कि टीडीपी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकता है। हालांकि अटकलों के बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने सही समय आने पर बात करने को कहा है।

15 अगस्त को विशाखापत्तनम में आयोजित एक कार्यक्रम में विजन-2047 डॉक्यूमेंट रिलीज करने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात कर रहे थे। इस दौरान जब उनसे एनडीए में शामिल होने के प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, एनडीए सरकार में शामिल होने के बारे में बात करने के लिए ये सही समय नहीं है। मैं सही समय पर इस बारे में बात करूंगा।

नायडू ने आगे कहा कि 2024 में राष्ट्रीय राजनीति के लिए उनकी भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है। टीडीपी प्रमुख ने कहा, मेरी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश है। यह मेरा बड़ा एजेंडा है, मैं राज्य के पुनर्निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए तैयारी करूंगा।

नायडू ने जून में नड्डा और शाह से की थी मुलकात

इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने जून में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलकात की थी। इसके बाद से ही 2024 लोक सभा चुनावों से पहले टीडीपी की एनडीए में वापसी के कयास तेज हो गए हैं।

2019 चुनावों से पहले छोड़ा था एनडीए

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान करीब दस साल बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए में लौटी थी। 2014 का चुनाव दोनों दलों ने साथ मिलकर लड़ा। लेकिन, 2018 आते-आते दोनों के रास्ते अलग हो गए। टीडीपी ने 2019 चुनावों से पहले एनडीए गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया था। बात फरवरी 2018 की है। संसद का बजट सत्र चल रहा था। चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर रही थी। बजट में नायडू की पार्टी की मांग का कोई जिक्र नहीं होने के बाद दोनों दलों में तल्खी बढ़ गई। मार्च खत्म होते दोनों दलों के रास्ते अलग हो गए। यहां तक कि टीडीपी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक लेकर आ गई थी। पांच साल बाद एक बार फिर दोनों दलों के साथ आने की सुगबुगाहट हो रही है।

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Aug 16 2023, 12:03

बदल गया नेहरू मेमोरियल का नाम, अब पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से होगी पहचान, जानें क्या है कांग्रेस की प्रतिक्रिया*

#nehrumemorialrenamedaspmmuseumand_library

दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदल दिया गया है। अब से यह प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा।इसे लेकर पहले ही फैसला लिया जा चुका था, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसे बदल दिया गया।जाहिर सी बात है कांग्रेस की इस पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी।कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर मोदी सरकार पर नेहरू की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया है। 

बता दें कि जून महीने में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था।स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया।पीएमएमएल के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने एक्स (ट्विटर) पर नाम बदलने की पुष्टि की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त, 2023 से प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है, जो समाज के दायरे के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप है। 

पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा-जयराम रमेश

अब इसे लेकर कांग्रेस की तरफ से रिएक्शन सामने आया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है, विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा है। 

उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना-जयराम रमेश

खासतौर पर जब हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है, उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है। वह पी वास्तव में संकीर्णता और अपमानित करने के लिए है।कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदारवादी नींव रखने में नेहरू की योगदान को हम नहीं भूलने देंगे। नेहरू ने देश की आजादी के लिए अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अब सब मोदी और उनके साथ काम करने वालों के हाथ में है। इन सब के बावजूद जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के देखने के लिए जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को वह प्ररित करते रहेंगे। 

बता दें कि 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहकी अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगी थी। बता दें राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं वहीं, प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।

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Aug 16 2023, 11:31

अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'


#atalbiharivajpayeeonhisdeathanniversary

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

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Aug 16 2023, 10:57

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।

Gaya

Aug 16 2023, 10:12

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

#sachin_pilot_replied_on_amit_malviya_claims 

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।